नटराज स्तुति – शिव आनंद तांडव स्तोत्रम Shiv Anand Tandav Stotram
सभी कलाकारों को तथा नर्तको को इस मंत्र का पठन करना चाहिए। इस मन्त्र से कला साधना में सफलता प्राप्ति होती है। सत सृष्टि तांडव रचयिता नटराज राज नमो नमः| हे नटराज आप...
Your Spiritual Journey
For your Sadhana
सभी कलाकारों को तथा नर्तको को इस मंत्र का पठन करना चाहिए। इस मन्त्र से कला साधना में सफलता प्राप्ति होती है। सत सृष्टि तांडव रचयिता नटराज राज नमो नमः| हे नटराज आप...
ॐ द्यौ: शान्तिरन्तरिक्ष, शांति पृथ्वी: शान्तिराप: शान्तिरोषधय: शांति : । वनस्पत्य: शांतिविश्वे: देवा: शांति, सर्वँ शान्ति:, शान्तिरेव शान्ति:, सामा शान्तिरेधि॥ ॐ शान्ति:! शान्ति:! शान्ति:॥ अर्थ : शान्ति: कीजिये, भगवन त्रिभुवन में,त्रिलोक में, जल...
ॐ सर्वे भवन्तु सुखिनः। सर्वे सन्तु निरामयाः। सर्वे भद्राणि पश्यन्तु। मा कश्चित् दुःख भाग्भवेत्॥ ॐ शान्तिः ! शान्तिः ! शान्तिः॥ हिन्दी में अर्थ : हे प्रभु : सभी सुखी होवें, सभी रोगमुक्त रहें,...
चक्षुषोपनिषद नामक यह प्रार्थना आंखों के रोगों से मुक्ति और शानदार दृष्टि प्राप्त करने के लिए अचूक मंत्र है। इससे दृष्टि बढ़ जाती है और आँखें तेज हो जाती हैं। यह प्रार्थना भगवान सूर्य...
ॐ हौं जूं सः ॐ भूर्भुवः स्वः त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् । उर्वारुकमिव बन्धनात् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ॐ स्वः भुवः भूः ॐ सः जूं हौं ॐ !! ।।इति।। भगवान शिव के उपासक ऋषि मृकंदुजी के...
“ॐ गुरुजी, सत नमः आदेश। गुरुजी को आदेश। ॐकारे शिव-रुपी, मध्याह्ने हंस-रुपी, सन्ध्यायां साधु-रुपी। हंस, परमहंस दो अक्षर। गुरु तो गोरक्ष, काया तो गायत्री। ॐ ब्रह्म, सोऽहं शक्ति, शून्य माता, अवगत पिता, विहंगम जात,...
॥ श्रीगणेशमन्त्रस्तोत्रम् ॥ श्रीगणेशाय नमः । उद्दालक उवाच । शृणु पुत्र महाभाग योगशान्तिप्रदायकम् । येन त्वं सर्वयोगज्ञो ब्रह्मभूतो भविष्यसि ॥ १॥ चित्तं पञ्चविधं प्रोक्तं क्षिप्तं मूढं महामते । विक्षिप्तं च तथैकाग्रं निरोधं भूमिसज्ञकम् ॥...
ऊँ वक्रतुण्ड महाकाय सूर्य कोटि समप्रभ । निर्विघ्नं कुरू मे देव, सर्व कार्येषु सर्वदा ॥ ऊँ एकदन्ताय विहे वक्रतुण्डाय धीमहि तन्नो दन्तिः प्रचोदयात् ॥ “ऊँ गं गणपतये नमो नमः ।” “ॐ गं गणपतये नमः...
कालसर्प दोष मंत्र || Kaal Sarp Dosh Mantra ॐ क्रौं नमो अस्तु सर्पेभ्यो कालसर्प शांति कुरु कुरु स्वाहा || सर्प मंत्र || ॐ नमोस्तु सर्पेभ्यो ये के च पृथिवीमनु ये अन्तरिक्षे ये दिवि तेभ्यः...
ॐ नम: शिवाय शंभवे कर्केशाय नमो नम:। ॐ उमा देवीभ्यां नम:। ॐ शंखिनीभ्यां नम:। ॐ नम: शिवाय संभवे व्योमेशाय नम:। ॐ धं धर्नुधारिभ्यां नम:। ॐ व्हां द्वार वासिनीभ्यां नम:। ॐ पद्मावतीभ्यां नम:। ॐ नम:...